JNV Legend Club | By Admin | Nov 06, 2025
🌸 शब्दों की सखी — क्षिप्रा मानकर : एक ऐसी आवाज़ जो शब्दों से जीवन बदल देती है 🌸

✍️ Navodaya Clap की ओर से — उस आवाज़ को सलाम, जो सिर्फ़ गूंजती नहीं… जागृति बन जाती है।
🌿 जहाँ शब्द आत्मा से मिलते हैं...
हर शब्द की अपनी एक धड़कन होती है — और कुछ लोग उसे महसूस कर पाते हैं।
क्षिप्रा मानकर उन्हीं में से हैं — एक ऐसी महिला, जिनकी आवाज़ में संवेदना है, शब्दों में जीवन है और विचारों में बदलाव की ताक़त है।
वो सिर्फ़ बोलती नहींं... जीती हैं।
और यही उन्हें "शब्दों की सखी" बनाता है।
🌸 अमरावती की मिट्टी से जन्मी प्रेरणा
अमरावती के एक छोटे से गाँव की वह बच्ची — जिसे मंच से प्यार था, पर पहचान चाहिए थी अपने विचारों से।
गणेशोत्सव के छोटे मंचों से लेकर राज्यस्तरीय कार्यक्रमों तक का सफ़र किसी कहानी से कम नहीं।
माँ के शब्द आज भी उनकी ज़िंदगी की दिशा हैं
> “चेहरों से नहीं, विचारों से पहचान बनाना… टालियाँ शब्दों पर भी बजती हैं।”
और उस दिन से क्षिप्रा ने ठान लिया —
“मैं अपनी आवाज़ से रास्ते बनाऊँगी।”

🎓 नवोदय — जिसने दिशा दी, दृष्टि दी
जवाहर नवोदय विद्यालय ने उन्हें सिर्फ़ पढ़ना नहीं, सोचना सिखाया।
उन्हें समझ आया कि शिक्षा का असली अर्थ वही है, जो समाज को रोशनी दे।
11वीं कक्षा में जब उन्होंने पहला सार्वजनिक भाषण दिया — लोग मंत्रमुग्ध रह गए।
वो सिर्फ़ बोल नहीं रही थीं, लोगों की सोच को झकझोर रही थीं।
💔 संघर्ष जिसने उन्हें और मज़बूत बनाया
2008 में विवाह हुआ — नई ज़िंदगी, नए सपने।
पर हर कहानी की तरह, यहाँ भी मोड़ आया।
संघर्ष, एकाकीपन, और परिस्थितियों की आँधियाँ…
लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
2013 में उन्होंने खुद से कहा —
“अब मैं खुद को फिर से जन्म दूँगी।”
उन्होंने सरकारी सेवाओं में काम किया —
राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान, महिला एवं बाल कल्याण, मुख्यमंत्री ग्राम परिवर्तन योजना जैसी योजनाओं में ईमानदारी से अपनी पहचान बनाई।
लेकिन ज़िंदगी ने फिर एक कठिन परीक्षा ली —
माँ कैंसर से जूझ रही थीं, पिता पक्षाघात से।
और तब क्षिप्रा ने नौकरी छोड़ दी —
क्योंकि उनके लिए परिवार सिर्फ़ कर्तव्य नहीं, धर्म था।
🔥 जब शब्दों ने उन्हें फिर से जन्म दिया
समय बीता, माँ ठीक हुईं, बेटा शिवबा बड़ा हुआ।
और फिर माइक उनके हाथों में वापस आया —
पर अब वो पहले जैसी नहीं थीं।
अब वो अनुभव, संवेदना और ताक़त की मिसाल बन चुकी थीं।
अब वो सिर्फ़ कार्यक्रम नहीं करतीं — जीवन छूती हैं।
सूत्रसंचालन, व्याख्यान, स्क्रिप्ट राइटिंग, वॉयस ओवर — हर क्षेत्र में उन्होंने अपनी पहचान गढ़ी।
आज वो महाराष्ट्र की सबसे सम्मानित वक्ताओं में गिनी जाती हैं।
🧠 काउंसलर और हीलर — शब्दों से मन का उपचार

केंद्र और राज्य सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की सूत्रधार होने के साथ-साथ
क्षिप्रा दीदी एक counselor और psychotherapist भी हैं।
एक single parent होने के नाते, वो हर उस दर्द को समझती हैं
जो एक अकेली मां, एक तनावग्रस्त महिला, या संघर्षरत किशोर महसूस करता है।
अमरावती में ऑफलाइन और बाहर कार्यक्रमों के दौरान ऑनलाइन काउंसलिंग के माध्यम से
वो आज तक सैकड़ों लोगों को जीवन की सही राह दिखा चुकी हैं।
उनकी Counselling Logo का अनावरण स्वयं
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस जी के करकमलों से हुआ —
जो उनकी प्रतिबद्धता और प्रभाव का प्रमाण है।
> “मेरी सबसे बड़ी कमाई यह है कि मेरे शब्द किसी को जीने की राह देते हैं।” — क्षिप्रा मानकर

📖 ‘उजेडाचे गाव’ — अंधेरे में उम्मीद की किरण
‘महाराष्ट्र टाइम्स’ में प्रकाशित उनकी लोकप्रिय लेखमाला ‘उजेडाचे गाव’
अब पुस्तक के रूप में आ रही है —
जो समाज में रोशनी की जरूरत को उजागर करती है।
उनकी कलम वही करती है जो उनकी आवाज़ करती है —
लोगों के भीतर छिपे साहस को जगा देती है।
🏅 सम्मान जो शब्दों से बढ़कर हैं
🎖️ Best NSS Volunteer Award —
कॉलेज के दिनों में गाँव-गाँव जाकर किए गए सामाजिक कार्यों के लिए
संत गाडगेबाबा विश्वविद्यालय ने उन्हें यह सम्मान दिया।
वो Amravati University की पहली NSS Colour Holder रहीं —
जो उनके जज़्बे और समाजसेवा के समर्पण की गवाही देता है।
🏆 Wonder Book of London World Records में दर्ज

"Maharashtra Jizau Brigade" ग्रंथ का संपादन कार्य भी
उनकी नेतृत्व क्षमता और दृष्टि का उदाहरण है।

💫 वो सिर्फ़ बोलती नहीं... जगाती हैं
उनकी आवाज़ सुनकर लोग सिर्फ़ प्रेरित नहीं होते —
सोचना शुरू कर देते हैं।
> “सूत्रसंचालन एक कला है — और इस कला का मूल्य समाज को समझना चाहिए।”

उनकी यह सोच उन्हें हर भीड़ में अलग पहचान देती है।

🌺 Navodaya Clap का गर्व

Navodaya Clap परिवार गर्व से कहता है —
क्षिप्रा मानकर सिर्फ़ एक वक्ता नहीं,
बल्कि हर उस आत्मा की प्रेरणा हैं जो फिर से उठना चाहती है।
> “She turned her silence into strength,
and her words into wings.” 🕊️

🌸 वो शब्दों की सखी हैं — और उनके शब्द, जीवन की नई शुरुआत हैं। 🌸