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मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट: भारत की हाई-स्पीड रेल क्रांति की ओर तेज़ कदम

मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट: भारत की हाई-स्पीड रेल क्रांति की ओर तेज़ कदम

Current Affairs | By Admin | Sep 15, 2025


भारत अपने पहले बुलेट ट्रेन के सपने को साकार करने की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है। मुंबई–अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल (MAHSR) प्रोजेक्ट, भारत सरकार की आधुनिक अवसंरचना (Infrastructure) की दृष्टि के तहत सबसे महत्वाकांक्षी रेल परियोजना है। जापान के सहयोग, अत्याधुनिक शिंकानसेन तकनीक और भारतीय इंजीनियरिंग दिग्गज कंपनियों के निष्पादन से यह परियोजना भारत में रेल यात्रा को पूरी तरह बदलने जा रही है।

 

 

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परियोजना की मुख्य विशेषताएँ

 

कुल लंबाई: 508 किलोमीटर।

 

रूट: मुंबई (महाराष्ट्र) → ठाणे → विरार → बोइसर → सूरत → भरूच → वडोदरा → आनंद → अहमदाबाद (गुजरात)।

 

स्टेशनों की संख्या: 12 (बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स से लेकर साबरमती तक)।

 

अधिकतम गति: 320 किमी/घंटा।

 

तकनीक: जापानी शिंकानसेन (E5 सीरीज़ ट्रेन, भारत के लिए अनुकूलित E10)।

 

अनुमानित लागत: लगभग ₹1.08–1.10 लाख करोड़।

 

फंडिंग: ~81% जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) द्वारा, शेष भारतीय रेल, महाराष्ट्र और गुजरात सरकार द्वारा।

 

लक्ष्य पूर्णता: गुजरात सेक्शन दिसंबर 2027 तक; पूरा कॉरिडोर दिसंबर 2029 तक।

 

 

 

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एल एंड टी (L&T) की ऐतिहासिक भूमिका

 

15 सितंबर 2025 को एल एंड टी को नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) से पैकेज T1 का ठेका मिला। यह लगभग ₹2,500–5,000 करोड़ का ऑर्डर है। इस पैकेज में:

 

156 किलोमीटर हाई-स्पीड बैलेस्टलेस ट्रैक का निर्माण।

 

लगभग 21 किमी अंडरग्राउंड सेक्शन और 135 किमी एलीवेटेड वायडक्ट।

 

जापानी J-Slab ट्रैक तकनीक का उपयोग, जिससे ट्रेन 320 किमी/घंटा की गति से दौड़ सकेगी।

 

 

एल एंड टी पहले ही पैकेज T3 (116 किमी, वडोदरा से साबरमती डिपो) पर काम कर रही है। अब कंपनी के पास पूरे कॉरिडोर के 50% से अधिक ट्रैक-वर्क का जिम्मा है।

 

 

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निर्माण प्रगति (सितंबर 2025 तक)

 

वायडक्ट: 317 किमी पूरा।

 

पियर वर्क: 396 किमी।

 

पियर फाउंडेशन: 407 किमी।

 

गर्डर कास्टिंग: 337 किमी।

 

पुल: 17 नदी पुल, 9 स्टील ब्रिज, 5 प्री-स्ट्रेस्ड कंक्रीट ब्रिज पूर्ण।

 

 

इसके अलावा, शोर-रोधक (Noise Barriers) लग रहे हैं और 21 किमी लंबी सुरंग (BKC से शिलफाटा) का काम तेजी से चल रहा है।

 

 

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ट्रेन और तकनीक

 

ट्रेनें जापान की E5 शिंकानसेन पर आधारित होंगी, जिन्हें भारत के लिए E10 मॉडल के रूप में पेश किया जाएगा।

 

ट्रेनें एक साथ भारत और जापान में लॉन्च होंगी।

 

ये ट्रेनें बेहतर सुरक्षा, आराम, और कम रखरखाव लागत के लिए जानी जाती हैं।

 

 

 

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निष्कर्ष

 

मुंबई–अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट केवल परिवहन नहीं, बल्कि भारत की आर्थिक प्रगति, तकनीकी क्षमता और वैश्विक सहयोग का प्रतीक है। यह प्रोजेक्ट न केवल समय बचाएगा, बल्कि उद्योग, रोजगार और क्षेत्रीय विकास में भी नई ऊर्जा लाएगा। यह भारत के रेल नेटवर्क को 21वीं सदी की गति और दक्षता से जोड़ने वाला ऐतिहासिक कदम है।

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